किसान भाइयों हम आपको रोजाना देशभर की मंडियों के ताजा भाव अपडेट उपलब्ध करवाते हैं और साथ ही फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट उपलब्ध करवाते हैं। रोजाना अपनी मंडी के भाव और तेजी मंदी रिपोर्ट पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर जरूर विजीट करें। और गुगल पर सर्च करें 👉 Mandi xpert
Wheat teji mandi report, bajra teji mandi report, rice teji mandi report, maze teji mandi report , wheat boom recession report,
गेहू रिपोर्ट
गेहूं गत सप्ताह लोकल एवं दिसावर स्टाकिस्टों की गेहूं में प्रतिस्पर्धात्मक मांग बनी रही, जिसके चलते यहां 2250 रुपए प्रति क्विंटल नीचे में बिकने के बाद 2330 रुपए का व्यापार हो गया। बाद में आवक बढ़ जाने से फिर बाजार 2280/2290 रुपए पर नीचे में आ गया है। सकल उत्पादन में वृद्धि होने एवं सरकारी धर्म काटों पर आवक बढ़ जाने से खरीद 183 लाख मैट्रिक टन को पार कर गई है। सरकारी खरीद लक्ष्य 341.50 लाख मेट्रिक टन का निर्धारित किया गया है। मंडियों में आवक का दबाव एवं सरकारी अधिकारियों की उदारपूर्ण नीति के चलते किसानों का माल तुलता जा रहा है तथा भुगतान की भी समस्या नहीं है, जिससे गेहूं की वसूली लक्ष्य तक पहुंच जाएगी तथा गेहूं में मंदा भी ज्यादा नहीं आएगा।
मक्का रिपोर्ट
मक्की मक्की की आवक बिहार की मंडियों में चालू सप्ताह ढाई गुनी बढ़ गई, जिसके चलते बाजार 50-75 रुपए प्रति क्विंटल टूटकर वहां रैक पॉइंट पर 1900/1910 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। वहां की मंडियों में भाव 1800/1825 रुपए पर आ गए। मक्की का उत्पादन बंपर हुआ है, लेकिन वर्तमान 4-5 रैक लगने से मंदे को विराम लग रहा है तथा अभी लगातार रैक वालों की खरीद चल रही है, जिससे अब निकट में मंदा नहीं लग रहा है। यहां भी हरियाणा पंजाब पहुंच में 2200 से घटकर 2125 रुपए भाव रह गये हैं।
धान रिपोर्ट
चावल यूपी, हरियाणा, पंजाब के राइस मिलों में धान की कमी बनी हुई है, कुछ निर्यात सौदे होने के राइस मिलों से निर्यातकों के लिवाली शुरू हो गई है तथा अन्य कारोबारियों की मांग बढ़ गई है, जिसके चलते पिछले सप्ताह 200 रुपए प्रति क्विंटल की सभी तरह के बासमती प्रजाति के चावल में तेजी आ गई थी। अब इन भावों में ज्यादा माल नहीं मिल रहा है, जिससे बाजार और तेज हो सकता है। चावल 1718 सेला के भाव 8200/8300 रुपए ताज 7000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है।
बाजरा रिपोर्ट
बाजरा बाजरे की फसल आए लगभग 6-7 महीने बीत चुके हैं है, जिससे मंडियों में आवक काफी कम हो गई। अब मंडियों में स्टाक का प्रेशर बिल्कुल समाप्त हो गया है। गौरतलब है कि जितना अनुमान बाजरे का उत्पादन के लिए लगा रहे थे, उतना नहीं बैठा था तथा पाइपलाइन खाली था, जिससे कच्ची मंडियों से लेकर वितरक मंडियों अब माल की कमी बनने लगी है। सत्ता मटका के भाव टूटने का प्रभाव बाजार पर भी पड़ा इसमें भी स्टाक कम होने के बावजूद भी 25 रुपए घटकर 2200 रुपए मौली बरवाला पहुंच में व्यापार हुआ, लेकिन इसमें घटने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है।
व्यापार अपने विवेक से करें ।