The Legend of Maula jatt Pakistani फिल्म ने भारत में रिलीज होकर तोड़ा 10 सालों का रिकॉर्ड

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दी लिजेंड आफ मौला जट्ट/ The Legend of Maula jatt Pakistani movie : – पाकिस्तानी फिल्म द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट ने 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और 10 साल बाद भारत में रिलीज होने वाली पहली फिल्म बन गई है । फिल्म की कहानी हीरो फवाद खान और माहिरा खान के आसपास घूमती है। इनका फिल्म में शानदार अभिनय किया गया है और लेखक ने शानदार पटकथा लिखी है। आइए जानते हैं फिल्म की कहानी हीरो, विलेन और दर्शकों का रिव्यू क्या रहा। दी लिजेंड आफ मौला जट्ट, Maula Jatt Pakistan movie, fawad Khan, Mahira khan , The Legend of Maula Jatt,

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पाकिस्तानी सिनेमा के इतिहास में 2022 की फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ को एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में देखा जा सकता है। यह फिल्म पाकिस्तानी सिनेमा के सुनहरे युग की एक महान कृति 1979 की मौला जट्ट का रीमेक है। 2022 की इस फिल्म का निर्देशन बिलाल लशारी ने किया है, और यह फिल्म पाकिस्तान की पारंपरिक कहानियों और लोककथाओं को आधुनिक तकनीक, भव्यता, और अद्वितीय अभिनय के साथ प्रस्तुत करती है। फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में फवाद खान, माहिरा खान, हमजा अली अब्बासी और हुमैमा मलिक नजर आते हैं।

इस फिल्म ने न केवल पाकिस्तान में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी धूम मचाई है। चलिए, इस फिल्म की विस्तृत समीक्षा करते हैं।

कहानी का सार

‘मौला जट्ट’ एक पारंपरिक पंजाबी लोक कथा पर आधारित है, जिसमें दो प्रमुख किरदारों मौला जट्ट और नूरी नट के बीच की दुश्मनी को दिखाया गया है। मौला जट्ट (फवाद खान) एक ग्रामीण योद्धा है, जो अपनी मां और बहन के साथ एक साधारण जीवन जीता है। लेकिन उसका अतीत और एक खून की प्यास उसे लगातार परेशान करती है। फिल्म की कहानी बदले की भावना पर आधारित है, जिसमें मौला का सामना नूरी नट (हमजा अली अब्बासी) से होता है, जो क्रूरता और ताकत का प्रतीक है।

फिल्म में बदले की भावना, न्याय, और आदर्शवाद को मुख्य थीम के रूप में प्रस्तुत किया गया है। मौला और नूरी के बीच का संघर्ष केवल व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि यह दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है। मौला जहां न्याय और सत्य के लिए खड़ा है, वहीं नूरी नट अपनी शक्ति और क्रूरता के दम पर शासन करता है।

निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी

बिलाल लशारी के निर्देशन को इस फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण कहा जा सकता है। उन्होंने 1979 की मौला जट्ट को नए युग के दर्शकों के लिए एक भव्य रूप में पेश किया है। फिल्म की हर एक फ्रेम को बेहद शानदार तरीके से शूट किया गया है। सिनेमैटोग्राफी की बात करें, तो फिल्म के विजुअल्स देखते ही बनते हैं। पाकिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों की भव्यता, युद्ध के दृश्यों की भव्यता, और पात्रों के बीच के इमोशनल ड्रामा को बहुत अच्छे तरीके से फिल्माया गया है।

लशारी ने फिल्म में लोकल संस्कृति और ऐतिहासिक दृष्टिकोण को बनाए रखते हुए इसे आधुनिक दर्शकों के लिए आकर्षक बनाया है। यह फिल्म न केवल एक्शन और ड्रामा के स्तर पर बड़ी है, बल्कि इसकी प्रोडक्शन वैल्यू भी उच्चतम स्तर की है।

अभिनय

फवाद खान मौला जट्ट के रूप में एक दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उनके किरदार में एक सख्त मर्दाना अंदाज और एक दर्दभरी आत्मा का अद्वितीय मिश्रण है। उनका अभिनय मौला जट्ट के किरदार को न केवल एक योद्धा के रूप में, बल्कि एक इंसान के रूप में भी बहुत गहराई देता है। उनके चेहरे के भाव और संवाद अदायगी में एक अनूठी करुणा और क्रोध का तालमेल देखने को मिलता है।

हमजा अली अब्बासी, जो नूरी नट की भूमिका में हैं, फिल्म के वास्तविक शोस्टॉपर हैं। उनका क्रूर और निडर अंदाज फिल्म की जान है। हमजा का अभिनय इतना प्रभावशाली है कि उनके किरदार की क्रूरता दर्शकों को झकझोर देती है। नूरी नट का किरदार ऐसा है, जिसे आप नफरत करने के बावजूद उसकी उपस्थिति का आनंद लेते हैं।

माहिरा खान ने मौला की प्रेमिका मखू की भूमिका निभाई है। हालांकि उनका स्क्रीन टाइम कम है, लेकिन उन्होंने अपने किरदार को संवेदनशीलता और सुंदरता के साथ निभाया है। माहिरा और फवाद के बीच की केमिस्ट्री शानदार है, जो फिल्म को एक रोमांटिक टच देती है।

हुमैमा मलिक ने दारो नटनी का किरदार निभाया है। उनका किरदार नूरी नट की बहन का है, जो अपने भाई की तरह ही क्रूर है, लेकिन अंदर से भावनाओं से भरी हुई है। उनका अभिनय भी प्रभावशाली है और वे अपने किरदार के साथ न्याय करती हैं।

एक्शन और तकनीकी पहलू

फिल्म के एक्शन दृश्यों को बेहद ही शानदार तरीके से फिल्माया गया है। एक्शन को देखते हुए आपको हॉलीवुड फिल्मों की याद आएगी। तलवारबाजी और शारीरिक लड़ाई के दृश्य बहुत ही वास्तविक और दमदार हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘मौला जट्ट’ ने पाकिस्तानी सिनेमा में एक्शन दृश्यों के स्तर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

फिल्म की फाइट कोरियोग्राफी अद्वितीय है। हर एक फाइट सीन को इतनी अच्छी तरह से फिल्माया गया है कि यह दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखता है। फिल्म के अंत की लड़ाई, जहां मौला और नूरी का आमना-सामना होता है, बहुत ही रोमांचक और तनावपूर्ण है।

बैकग्राउंड स्कोर और संगीत भी फिल्म का एक मजबूत पहलू है। फरहाद हुमायूं द्वारा दिया गया संगीत फिल्म के माहौल और किरदारों की भावनाओं को उभारने में सफल रहता है। विशेष रूप से एक्शन दृश्यों में बैकग्राउंड स्कोर रोमांच को और बढ़ा देता है।

पटकथा और संवाद

फिल्म की पटकथा बहुत ही गहरी और भावनात्मक है। फिल्म की कहानी सादगी और गहराई दोनों को प्रस्तुत करती है। हालांकि यह एक बदले की कहानी है, लेकिन इसके भीतर कई परतें छिपी हैं। मौला जट्ट और नूरी नट के किरदारों के बीच की भावनात्मक जटिलताएं और उनकी अलग-अलग विचारधाराएं पटकथा को प्रभावशाली बनाती हैं।

संवाद भी बहुत ही दमदार हैं। पंजाबी भाषा में लिखे गए संवाद किरदारों की ताकत और उनके जज्बातों को बखूबी व्यक्त करते हैं। कई डायलॉग्स ऐसे हैं, जो दर्शकों को लंबे समय तक याद रहेंगे। उदाहरण के तौर पर नूरी नट का प्रसिद्ध संवाद – “जट्टा नू जट्ट मार सके, एहो किस्से विच नई”, यह संवाद नूरी के आत्मविश्वास और उसकी क्रूरता को पूरी तरह से व्यक्त करता है।

कमजोरियां

जहां एक तरफ फिल्म के कई पहलू बेहद प्रभावशाली हैं, वहीं कुछ कमजोरियां भी हैं। फिल्म का रनटाइम थोड़ा लंबा है, जिसकी वजह से कुछ दर्शकों को यह फिल्म थोड़ी धीमी लग सकती है। इसके अलावा, फिल्म के कुछ किरदारों को और गहराई से दिखाया जा सकता था, खासकर माहिरा खान के मखू के किरदार को।

इसके अलावा, हालांकि फिल्म का एक्शन और भव्यता प्रशंसनीय है, लेकिन कुछ दर्शकों को यह फिल्म ओवर-द-टॉप लग सकती है।

निष्कर्ष

‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ पाकिस्तानी सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर साबित होती है। यह फिल्म न केवल अपने देश के सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सफल रही है, बल्कि इसने यह भी साबित किया है कि पाकिस्तान में भी विश्वस्तरीय सिनेमा बनाया जा सकता है।

फवाद खान और हमजा अली अब्बासी का दमदार अभिनय, बिलाल लशारी का शानदार निर्देशन, और बेहतरीन तकनीकी पहलू इस फिल्म को एक यादगार अनुभव बनाते हैं। यह फिल्म उन लोगों के लिए है, जो एक्शन, ड्रामा, और भावनाओं से भरपूर कहानी का आनंद लेना चाहते हैं।

रेटिंग: 4/5

अगर आप पाकिस्तानी सिनेमा के चाहने वाले हैं, या फिर एक्शन और ड्रामा फिल्मों के शौकीन हैं, तो ‘मौला जट्ट’ जरूर देखनी चाहिए। यह फिल्म आपको एक पुरानी लोककथा को नए अंदाज में पेश करती है, जिसमें भव्यता, दिलचस्प किरदार और शानदार एक्शन सब कुछ है।

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