पतंजलि आयुर्वेद केस 2024 / Patanjali ayurved case 2024 : – पतंजलि कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार और भविष्य में भ्रामक विज्ञापन के प्रचार प्रसार पर लगाई रोक। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
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पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने के मामले में आज मंगलवार (16 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि आपकी बहुत गरिमा है। आपने बहुत कुछ किया है।
वहीं दोनों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को तैयार हैं, ताकि लोगों को भी पता चले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को लेकर गंभीर हैं.
इस पर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इसके लिए आपको हमारी सलाह की जरूरत नहीं है. जस्टिस कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि क्या आपने कोर्ट के खिलाफ जो किया है वो सही है?
इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि जज साहिबा, हमें इतना कहना है कि हमने जो भी गलती की है, उसके लिए बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है.
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से पूछा- आपने कोर्ट की अवमानना क्यों की? जस्टिस कोहली ने कहा कि ये आपके वकील ने कहा है. हम जानना चाहते हैं कि अंडरटेकिंग के अगले दिन आपको किस बात की वजह से प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी ।
हमारे देश में आयुर्वेद बहुत प्राचीन है. ये महर्षि चरक के समय से है. दादी-नानी भी घरेलू उपचार करती हैं ।
आप अन्य पद्धतियों को खराब क्यों कहते हैं? क्या एक ही पद्धति होनी चाहिए? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमने आयुर्वेद पर बहुत शोध किया है।
जज ने कहा कि ठीक है। आप अपने शोध के आधार पर कानूनी आधार पर आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि आपने इस कोर्ट की अवज्ञा क्यों की?
बाबा रामदेव ने कहा- हमें कानून की बहुत कम जानकारी है
इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमें कानून की बहुत कम जानकारी है। हम तो बस लोगों को अपने शोध की जानकारी दे रहे थे।
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हमारा इरादा कोर्ट की अवज्ञा करना नहीं था। तब जज ने कहा कि आप लाइलाज बीमारियों की दवा बनाने का दावा करते हैं। कानूनी तौर पर ऐसी बीमारियों की दवाओं का प्रचार नहीं किया जाता।
अगर आपने दवा बनाई थी, तो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार आपको सरकार को इसके बारे में बताना चाहिए था, इस पर आगे काम होता।
इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हम जोश में लोगों को अपनी दवा की जानकारी दे रहे थे। कोर्ट में इस तरह खड़ा होना मेरे लिए अशोभनीय है। हम भविष्य में इसका पालन करेंगे।
आप अच्छा काम कर रहे हैं, करते रहें लेकिन..’
जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आपको एलोपैथी को खराब कहने की जरूरत नहीं है। आप अच्छा काम कर रहे हैं, वही करें ।
दूसरों के बारे में कुछ क्यों कहें. इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद के बीच संघर्ष लंबा है. हम भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे.
जस्टिस कोहली ने कहा कि हम यह नहीं मान सकते कि आपके वकीलों द्वारा कोर्ट में अंडरटेकिंग दाखिल करने के बाद भी आप कानून को नहीं समझ पाए. इसलिए हम देखेंगे कि आपकी माफी स्वीकार करते हैं या नहीं.
इस पर बालकृष्ण ने कहा कि पूज्य स्वामी जी का पतंजलि के काम से कोई संबंध नहीं है. तो जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आप बहस कर रहे हैं ।
माफी के बाद बहस स्वीकार नहीं होती. वहीं, बाबा रामदेव ने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि हम अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं ।
अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने कहा कि हमें 1 सप्ताह का समय दीजिए। इस बीच हम जरूरी कदम उठाएंगे।
इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि ठीक है। हम 23 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेंगे, अवमानना के आरोपियों ने खुद कहा है कि वे कुछ कदम उठाएंगे, हम उन्हें इसके लिए मौका दे रहे हैं।