मसूर भाव भविष्य 2023 / मसूर भाव तेजी मंदी रिपोर्ट 2023

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मसूर भाव भविष्य 2023, Masoor bhav teji mandi report 2023

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मसूर भाव तेजी मंदी रिपोर्ट 2023

मसूर की नई फसल आने में लंबा समय बाकी होने तथा कनाडा में भी फसल कम होने के अंदेशे से नीचे के भाव छोड़ते जा रही है तथा सभी दलहनों में सस्ती होने तथा बिहार बंगाल सहित पूर्वोत्तर राज्यों में माल की कमी बनने से बाजार यहां से 200/300 रुपए तेज लग रहा है।
मसूर का उत्पादन मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के मुंगावली, गंजबासौदा, बीनागंज, अशोकनगर, भोपाल लाइन में होता है। इसके अलावा राजस्थान की कुछ छोटी मसूर प्रतापगढ़ निंबाहेड़ा लाइन में भी होती है। यूपी के गोंडा-बहराइच, कानपुर के साथ-साथ गाजीपुर-बलिया, गोरखपुर, कौड़ीराम, चनपतिया एवं बिहार के पटना, बख्तियारपुर, नवादा, बिहार शरीफ लाइन में भी प्रचुर मात्रा में फसल आती है। इसकी फसल पिछले 5 महीने पहले आ चुकी है, अब अगली फसल वर्ष 2024 के फरवरी-मार्च में आएगी। उसके अनुरूप देसी मसूर का स्टॉक नहीं है। हम मानते हैं कि अगले महीने कनाडा में मसूर की फसल तैयार हो जाएगी, लेकिन इस बार वहां किसानों ने मसूर की बिजाई कम किया है, ऐसी खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर जो माल पहले का आया हुआ है, वह काफी कट चुका है तथा जो मुंदड़ा सहित अन्य बंदरगाहों पर कनाडा की मसूर पड़ी है, उसकी क्वालिटी हल्की बता रहे हैं। इस वजह से उसकी बिक्री कम है। कनाडा की मसूर 200 रुपए प्रति क्विंटल देसी मशहूर से 2 महीने पहले तक ऊंची बिकती थी, जो वर्तमान में 350/360 रुपए नीचे बिक रही है। वहां से दिल्ली पहुंच गए 5825/5850 रुपए प्रति कुंतल है, लेकिन उसमें डस्ट अधिक होने के साथ-साथ फूटे दाने भी ज्यादा निकल रहे हैं। यही कारण है कि अधिकतर दाल मिलें मुंगावली गंज बासौदा एवं बिनागंज लाइन की मसूर खरीद रही है, जिस कारण इसके भाव पिछले 10 दिनों में 150/175 रुपए बढ़ कर 6200/6250 रुपए प्रति क्विंटल के बीच कंडीशन के हिसाब से चल रहे हैं। हालांकि मसूर के भाव ऊंचे होने से बिजाई अधिक हुई थी, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन फसल तैयार होने पर उत्पादक क्षेत्रों में ज्यादा बरसात हो जाने से फसल को भारी नुकसान हुआ था। यही कारण है कि मसूर 15 लाख मैट्रिक टन से अधिक नहीं बैठेगी, जबकि घरेलू वार्षिक खपत 26 लाख मैट्रिक टन की है। पिछले कई वर्षों से कनाडा की मसूर भारी मात्रा में आने से पड़ते में व्यापार हो रहा था तथा घरेलू उत्पादन का उतना अधिक प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन इस बार ऐसा आभास हो रहा है। कि घरेलू उत्पादन अधिक होने के बावजूद भी कनाडा की फसल में पोल आने पर आगे चलकर मसूर शॉर्टेज की स्थिति में तेज हो सकती है। मसूर की मांग उड़ीसा असम बिहार बंगाल एवं झारखंड की प्रचुर मात्रा में बनी हुई है तथा वहां पहले के जो माल देशी-विदेशी पहुंचे थे, वह निबट चुके हैं। वर्तमान में कनाडा में माल की कमी होने से बढ़िया माल नहीं मिल पा रहा है। नई फसल सितंबर के अंत तक लोडिंग में होगी तथा अक्टूबर में वह आ पाएगा, उससे पहले बाजार में देसी माल की कमी को देखते हुए 300 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है।

मसूर- फिलहाल व्यापार में लाभ रहेगा

मध्यप्रदेश की मंडियों से मसूर के पड़ते ऊंचे होने लगे हैं, क्योंकि वहां आपूर्ति घट जाने से कारोबारी भाव बढ़ा दिए हैं। दूसरी ओर कनाडा की मसूर 6225/6250 रुपए प्रति क्विंटल बिल्टी में बिकने लगी है। कनाडा की मसूर 5850 रुपए बिक रही है, लेकिन इसमें दाल का कस कम बैठ रहा है, जिससे मिलों को पड़ता देसी मसूर से ऊंचा लग रहा है। देसी मसूर की दाल एवं मल्का पहले बिक रही है। कनाडा की मसूर अगले महीने आएगी, लेकिन वहां से भी सकारात्मक रिपोर्ट नहीं आ रही है। अतः मसूर का बाजार और बढ़ सकता है।

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