लोकसभा चुनाव 2024 : सत्ता बदलने की आहट हुई तेज, अफसरों से लेकर मीडिया तक के बदले सुर

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लोकसभा चुनाव 2024 : – इस बार बीजेपी भले ही 400 पार का नारा लगा रही हैं लेकिन जनता सरकार बदलने के मूड में नजर आ रही है जिसका मुख्य कारण बीजेपी द्वारा विश्व का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉल बांड घोटाला हो या कांग्रेस के भ्रष्टाचारियों को बीजेपी में शामिल करके उनको क्लीन चिट देना हो , बढ़ती मंहगाई से आम आदमी की कमर तोड़ना, युवाओं को बेरोजगार में धकेलना 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने की घोषणा करके 10 साल में 1 करोड़ रोजगार भी नहीं दे पाए।

सेना में युवाओं को 4 साल सेवा के बाद रोजगार की कोई गारंटी नहीं और सेना की सुविधाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलना। और देश में हिन्दू मुस्लिम करके जनता के असली मुद्दे शिक्षा चिकित्सा मंहगाई रोजगार पर बात नहीं करना जनता को कचोट रही है जिसका असर चुनाव में साफ नजर आ रहा है। और किसानों पर गोली चलवाना सबसे बड़ा कारण है

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बाद केन्द्र से BJP की विदाई लगभग तय हो चुकी है।

वोट का प्रतिशत और BJP के कोर वोट बैंक की उदासीनता ने BJP की नींद उड़ा कर रख दी है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और BJP के सबसे सुरक्षित राज्य में देश में सबसे कम वोटिंग ने बता दिया है कि अब केंद्र में सत्ता परिवर्तन निश्चित है।

BJP के सत्ता से दूर होने की भनक पहले अधिकारियों को और अब मीडिया को भी लग चुकी है, यही कारण है कि अधिकारियों ने जहां BJP नेताओं से दूरी बनाना शुरू कर दी है, वहीं मीडिया का सुर भी अचानक से बदलता नज़र आ रहा है।

सत्ता परिवर्तन के कारण

▪️ सत्ता परिवर्तन के जो इनपुट Intelligence Bureu और अन्य ग्राउंड रिपोर्ट से सरकार के पास पहुँचे हैं, वे सब अधिकारियों के बीच चर्चा और चिंता दोनों का विषय बन गये हैं।

डेपुटेशन पर दिल्ली में तैनात कुछ अफ़सरों ने डेपुटेशन समाप्त कर वापस अपने गृहराज्य में जाने का आवेदन दे दिया है।

▪️ केन्द्रीय गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से गुजरात के अफसरों का भी अचानक से मोहभंग हो गया है। अपने गृहराज्य गुजरात वापस जाने का आवेदन देने वाले अफ़सरों की सबसे लंबी क़तार है।

सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय गृहमंत्रालय की दूसरी मंजिल पर 16 अप्रैल 2024 को लगी आग भी कोई सामान्य घटना नहीं है। इसके पीछे भी सत्ता परिवर्तन की ही कहानी है।

▪️ मध्यप्रदेश के वल्लभ भवन मंत्रालय में 9 मार्च 2024 को लगी भीषण आग से केन्द्र सरकार की कई योजनाओं के दस्तावेज जलकर खाक हो गये। यह भी सबूत जलाओ कार्यक्रम ही प्रतीत होता है।

▪️मीडिया के सुर भी बदले बदले नज़र आने लगे हैं। पिछले तीन महीनों में किसी भी न्यूज चैनल ने नरेंद्र मोदी को विश्वगुरू बताने वाली कोई खबर नहीं चलाई है।

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जी न्यूज के मालिक सुभाष चन्द्रा ने वीडियो जारी कर भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को खतरे में बताया और सार्वजनिक तौर पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इंडिया टुडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के मैनिफेस्टो के बारे में परोसे झूठ का पर्दाफाश कर परिवर्तन के स्पष्ट संकेत दे दिये हैं।

कांग्रेस का विज्ञापन छापने/दिखाने से कतराने वाले अखबारों/चैनलों ने पहले और दूसरे चरण के बाद अपना स्टैंड बदल लिया है।

नेशनल और प्रादेशिक मीडिया धीरे धीरे BJP सरकार की गोदी से नीचे उतरकर अपने पाँव पर खड़ा होने की कोशिश करने लगा है।

👉 बदलाव की ये आहट तीसरे चरण के मतदान के बाद तब और पक्की हो गई जब BJP के कोर वोट बैंक वाले बूथों पर मतदान के प्रति कोई उत्साह नज़र नहीं आया। यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में BJP के पोलिंग एजेंट मतदान की समाप्ति के पहले ही पोलिंग बूथ से नदारद मिले।

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