लाल सागर में धान की शिपमेंट बंद होने से भारतीय चावल में आई गिरावट

Spread the love

लाल सागर में धान की शिपमेंट बंद होने से भारतीय चावल में आई गिरावट / Indian rice prices fall due to stoppage of paddy shipment in Red Sea . नमस्कार किसान भाइयों लाल सागर में विद्रोहियों द्वारा आतंक फैलाने के कारण धान की। शिपमेंट बंद हो गई। जिसके कारण विदेशों में चावल की डिमांड बढ़ी है लेकिन भारतीय चावल में गिरावट आई। धान उत्पादक मंडियों में धान की आवक लगातार घट रही है। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट और मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पाने के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert

आज का मंडी भाव 👉 मंडी भाव 18 जनवरी 2024 / नरमा कपास ग्वार सरसों चना मूंग मसूर भाव

लाल सागर में संकट से बारीक चावल में मंदा जारी।

नई दिल्ली, 18 जनवरी विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में आतंक फैलाये जाने से बासमती प्रजाति के सभी चावल का निर्यात में शिपमेंट लेट हो रहा है, जिसके चलते बंदरगाहों पर स्टॉक जमा हो जाने से मंदे का दौर बना हुआ है तथा वर्तमान की स्थिति को देखते हुए निकट भविष्य में तेजी की गुंजाइश नहीं लग रही है।


यद्यपि निर्यातकों के पास बासमती प्रजाति के सभी चावल के निर्यात सौदे पेंडिंग में पड़े हुए है तथा आयातक देशों में चावल की कमी बनी हुई है तथापि लाल सागर में जहाजों का आवागमन ठप पड़ जाने से समुद्री मार्ग में बदलाव किया गया है, जिस कारण समय अधिक लगने से काकीनाडा कांदला, गांधीधाम सहित सभी बंदरगाहों पर बासमती प्रजाति के निर्यात में जाने वाले चावल का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है।

यही कारण है कि राइस मिलों एवं बाजारों में ग्राहकी की भारी कमी हो जाने से भाव टूटते जा रहे हैं। पिछले सप्ताह जो 1718 बासमती प्रजाति का सेला चावल 7700 रुपए बिका था, उसके भाव आज 7500 रुपए प्रति क्विंटल तक लोड में बिकवाल आ गए। इसी तरह 1509 सेला चावल 7100 सेला घटकर 6900 रुपए ट्रक लोड में रह गया है। हम मानते हैं कि पंजाब के जंडियालागुरू, तरनतारण, अमृतसर आदि सभी मंडियों में धान की आवक घट गई है, लेकिन राइस मिलों की किसी भी भाव में मांग नहीं रहने से मंडियों में 100 रुपए घटाकर बिकवाल आने लगे हैं।

यह भी जाने 👉 पाला पड़ने पर फसलों का बचाव कैसे करें / जानिए स्प्रे और बचाव के उपाय

इधर हरियाणा के तरावड़ी कैथल चीका सफीदों असंद टोहाना आदि हरियाणा की मंडियों में सीजन के ऊंचे भाव के माल गले में फंसे हुए हैं। वहां 1509 धान 3500/3600 रुपए का बेचू आने लगे हैं तथा इन भावों में भी कोई लिवाल नहीं है। चावल 1121 का स्टाक कम होने के बावजूद भी सेला 100/200 रुपए घटाकर बेचू आने लगे हैं।

यूपी के जहांगीराबाद बरेली रुद्रपुर काशीपुर टांडा दनकौर बहजोई पाहसू दादरी लाइन में भी घटाकर बेचू आने लगे हैं। दिल्ली के नया बाजार में ग्राहकी का भारी सन्नाटा छाया हुआ है, निर्यातक माल नहीं उठा रहे हैं, क्योंकि निर्यात शिपमेंट का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले 20-22 दिनों में शिपमेंट होने पर माल आयातक देशों में पहुंच जाता था, जबकि लाल सागर में रास्ता बदल जाने से अब 44-45 दिन से पहले माल नहीं पहुंच रहा है, जिससे भाड़े में भी दोगुना की वृद्धि हो गई है। दूसरी ओर माल भी समय से वहां नहीं पहुंच पा रहा है, इस समय विषम परिस्थिति बन गई है।

आयातक देशों में खपत के अनुरुप चावल नहीं पहुंचने से वहां महंगाई बढ़ी है। दूसरी ओर भारतीय बाजारों में निर्यातकों के लोडिंग नहीं होने से बाजार टूटते जा रहे हैं, क्योंकि मिलिंग होने के बाद चावल का स्टॉक बढ़ता जा रहा है, जो दुखदाई हो गया है। जब तक लाल सागर में अमन-चैन नहीं बनेगा, तब तक बारीक चावल में तेजी की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।

Leave a Comment

Don`t copy text!