चालू वित्त वर्ष में बासमती धान का निर्यात बढ़ा / Export of Basmati paddy increased in the current financial year / Know our special report : – धान का रेट आज का 2024, बासमती धान भाव today 2024, नमस्कार किसान भाइयों आज हम इस पोस्ट में जानेंगे बासमती धान का निर्यात इस वर्ष कितना हुआ और गैर बासमती धान के निर्यात में गिरावट क्यों आईं। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट मौसम पूर्वानुमान कृषि समाचार और योजनाओं की जानकारी पाने के लिए गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi Xpert
चालू वित्त वर्ष में बासमती धान का निर्यात बढ़ा, Export of Basmati paddy increased in the current financial year / Know our special report
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चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में बासमती का निर्यात बढ़ा, गैर बासमती का घटा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद भी चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान जहां बासमती चावल के निर्यात में 8.21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 39.51 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 8.21 बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 26.08 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात केवल 24.10 लाख टन का हुआ था। गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 39.51 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 73.18 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 102.10 लाख टन का हुआ था। केंद्र सरकार ने 25 अगस्त 2023 को आदेश दिया था कि केवल 1,200 डॉलर प्रति टन या उससे अधिक मूल्य वाले बासमती चावल के निर्यात अनुबंधों को ही पंजीकृत किया जायेगा।
इसके विरोध में उत्तर भारत के निर्यातकों के साथ ही चावल मिलों ने हड़ताल कर दी
थी, साथ ही मंडियों में किसानों से धान की खरीद भी बंद कर दी थी। अत: 28 अक्टूबर 23 को एक्सपोर्ट प्रमोशन संस्था एपिडा को भेजे एक पत्र में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बासमती चावल के निर्यात के लिए कॉन्ट्रैक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए मूल्य सीमा को 1,200 डॉलर प्रति टन से संशोधित कर 950 डॉलर प्रति टन करने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार ने 20 जुलाई 23 को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इसके अलावा पिछले साल सितंबर 2022 में ब्रोकन चावल के निर्यात पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद कई देशों ने भारत सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और निर्यात पर प्रतिबंध न लगाने की मांग की थी। अतः सरकार ने समय, समय पर कई देशों के अनुरोध को मानते हुए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की मंजूरी दी है।
व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में पहले की तुलना में धान की दैनिक आवकों में कमी आई है, साथ ही मिलर्स भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। अतः उत्तर भारत के राज्यों में धान के साथ ही बासमती चावल की कीमतें भी लगभग स्थिर हो गई हैं। जानकारों के अनुसार बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने के आसार हैं।
दिल्ली में पूसा 1,509 किस्म के बासमती सेला चावल का भाव 7,100 से 7,300 रुपये और इसके स्टीम चावल के भाव 7,800 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह से पूसा 1,121 किस्म के स्टीम चावल का भाव दिल्ली में 9,600 से 9,800 रुपये तथा इसके सेला चावल का दाम 8,500 से 8,700 रुपये प्रति क्विंटल है।
हरियाणा की टोहाना मंडी में बुधवार को पूसा 1,718 किस्म के धान का भाव 4540 रुपये, तथा डीपी 1,401 किस्म के धान के भाव 4,740 रुपये प्रति क्विंटल रहा। गोहाना मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान के दाम 4,750 रुपये तथा 1,718 किस्म के धान के भाव 4,715 रुपये प्रति क्विंटल रहे। पंजाब की तरनतारन मंडी में बुधवार को पूसा 1,509 किस्म के धान का भाव 3,870 रुपये, तथा 1,718 किस्म के धान के भाव 4,968 रुपये एवं 1,847 किस्म के धान के दाम 3,700 रुपये रुपये प्रति क्विंटल रहे। उत्तर प्रदेश की खैर मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के भाव 3,801 रुपये और डीपी क्वालिटी के धान के दाम 4,351 रुपये तथा शरबती किस्म के धान के दाम 2,751 रुपये और सुगंधा किस्म के धान के 3,101 रुपये प्रति क्विंटल रहे।