धान की टॉप 3 किस्में: एक पौधे में निकलेंगे 4500 दाने, 30 से 80 क्विंटल होगी पैदावार : – नमस्कार किसान भाइयों आज इस पोस्ट में जानेंगे धान की टॉप 3 वैरायटी कौनसी है और उनसे उत्पादन कितना होता है और किस तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है और पानी की कितनी आवश्यकता है।
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अगर आप धान की फसल में कम उर्वरकों का इस्तेमाल कर अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं तो धान की हाइब्रिड किस्म उगा सकते हैं. हाइब्रिड किस्मों में खास बात यह है कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है. जिसकी वजह से फसल में रोग नहीं लगते. किसानों को कम लागत लगानी पड़ती है. धान की हाइब्रिड किस्म का दाना थोड़ा मोटा होने के साथ पकने में कुछ ज्यादा दिन लेता है. यह महीन धान की अपेक्षा उत्पादन ज्यादा देती हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के प्रभारी डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि हाइब्रिड धान की PHB-71 जिसे पायनियर सीड्स कंपनी ने तैयार किया है. यह किस्म 130 से 135 दिन में पककर तैयार होती है. किसानों को 60 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार मिलती है. यह हाइब्रिड धान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और हरियाणा के किसानों द्वारा उगाया जाता है ।
इसकी ऊंचाई 80 से 82 सेमी होती है. इसकी बाली लंबी, दाना मजबूत और चमकदार होता है. इसका चावल बेहद स्वादिष्ट होता है. खास बात यह है कि धान की यह किस्म सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है. इसको कम पानी की आवश्यकता होती है ।
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अराइज 6444 गोल्ड देगा बंपर उत्पादन
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बायर क्रॉप साइंस कंपनी की हाइब्रिड धान की टॉप किस्म अराइज 6444 गोल्ड जो BLB रोग के प्रति प्रतिरोधी किस्म है. यह भारत के कई राज्यों में किसानों द्वारा उगाई जाती है. हाइब्रिड धान की यह किस्म 135 दिनों से 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है ।
इस धान के पौधे 75 से 80 सेंटीमीटर लंबे होते हैं. प्रत्येक पौधे में 12 से 15 कल्ले मजबूती के साथ निकलते हैं. यह किस्म सूखे के प्रति सहनशील है. इसके पौधे विपरीत परिस्थितियों में भी मजबूती के साथ खड़े रहते हैं. इस किस्म से किसानों को 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उत्पादन मिलता है ।
कावेरी के एक पौधे से मिलेंगे 4500 दाने
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि कावेरी सीड्स कंपनी का हाइब्रिड धान कावेरी 468 जो कि 115 से 120 दिन में पक्का तैयार हो जाता है. इस धान के पौधों की ऊंचाई 105 सेंटीमीटर से 110 सेमी तक होती है. मध्यम ऊंचाई और मजबूत तने का होने के कारण बेमौसम बारिश की मार को भी झेलने में सक्षम है ।
इसके एक पौधे से 15 से 16 कल्लों का फुटाव होता है. इसकी बालियां लंबी होती हैं. इसकी एक बाली में लगभग 250 से 300 दाने तक होते हैं. खास बात यह है कि यह 30 से 32 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से पैदावार देती है. इसका चावल खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है ।