किसान भाइयो इस पोस्ट में चना और डॉलर चना की साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। रोजाना अपनी मंडी भाव और तेजी मंदी रिपोर्ट पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर जरूर विजीट करें और गुगल पर सर्च करें 👉 Mandi xpert
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काबुली चना सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट –
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर काबुली (40/42) 12,300 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम (40/42) 12,400 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना काबुली मे पिछले उतार-चढ़ाव के बीच मांग निकलने से +100 रूपये प्रति कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ, काबुली की आवक मंडियों में औसत या सामान्य रहा। घरेलु और निर्यात पूछपरख फिलहाल जरुरत अनुसार है। अच्छी क्वालिटी बोल्ड काबुली की आवक कम है और लेवाल भी सिमित है।
मई से शादी ब्याह के सीजन का मुहूर्त शुरू होने की उम्मीद काबुली की सबसे अधिक घरेलु खपत शादर्दी ब्याह, होटल्स, ढाबे और रेस्टोरेंट में रहती है। निर्यात मांग में भी धीरे धीरे सुधार होने की उम्मीद खासकर बोल्ड क्वालिटी में। विदेशों में काबुली का स्टॉक कमजोर है। (खासकर बोल्ड क्वालिटी ) अंतराष्ट्रीय बाजार में मांग निकलती है
भारत के काबुली की मांग बढ़ेगी। कृषि बाजार भाव सर्विस में काबुली चना में हम अभी न्यूट्रल है इसलिए सिमित कारोबार की सलाह। काबुली चना कंटेनर (42-44) 12900 के ऊपर ही अच्छी (14500-15000) तेजी की उम्मीद। जबकि काबुली चना कंटेनर 11700 के निचे कमजोरी का संकेत।
चना सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट:
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5100 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम ओल्ड चना 5050 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना चना दाल बेसन में मांग कमजोर बनी रहने से चना भाव में -50 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ,मिलर्स की चना में मांग सामान्य है और चना दाल में ग्राहकी भी ठीक ठाक। मंडियों में चना एमएसपी से काफी निचे बिकने के कारण किसान नाफेड को अधिक चना बेच रहा।
चना बाजार हाल में दो कारणों से मंदी आई 1 नफेड की बम्पर खरीदी 2 मटर आयात खुलने की संभावना की अफवाह। आप को बता दे की कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र किसानों ने बड़े मध्यप्रदेश और तमिलनाडु और गुजरात में पैमाने पर चना नाफेड को बेचा है। मंडियों में भी जो चना आया तेजी से घरेलु खपत में गया और कुछ निर्यात भी हुआ। कृषि बाजार भाव सर्विस में
हमारा मानना है की जून से राजस्थान,कर्नाटक,तमिलनाडु,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश,महाराष्ट्र,गुजरात और मध्य प्रदेश में चना की आवक कमजोर पड़ेगी। जून से नवंबर तक चना की खपत बेहतर रहेगी और घरेलु मांग की पूर्ति के लिए नाफेड पर निर्भरता बढ़ेगी। जून के बाद चना की मांग में। सुधार होने से भाव एमएसपी या उसके ऊपर भी जाने की प्रबल संभावना है। कृषि बाजार भाव सर्विस में हमारा मानना की चना उत्पादन इस वर्ष कमजोर है लेकिन नाफेड के पास बड़ा स्टॉक।
चना में जून-नवंबर के बीच एक उछाल आएगा लेकिन काफी कुछ नाफेड की बिक्री पर निर्भर। अन्य दलहनों में तेजी को देखते हुए सरकार चना में तेजी नहीं होने देगी क्योंकि उनके पास पर्याप्त स्टॉक है। चना में रोलिंग का व्यापार करना ठीक; हालांकि मांग में सुधार होने पर जून-अक्टूबर के बीच चना 5300/5400+ बिकने की संभावना।
व्यापार अपने विवेक से करें ।