Chana prices expected to improve / चना भाव में सुधार की उम्मीद

chana prices expected to improve/ चना भाव में सुधार की उम्मीद 24-06-2023 :- नमस्कार किसान भाइयों चना भाव और चना दाल में आगे आने वाले दिनों में सुधार की उम्मीद नजर आ रही है। लगभग राज्यों में नैफेड द्वारा चना की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है और नैफेड द्वारा खुले बाजार में चना बिक्री शुरू की जाएगी। जिसके कारण मंडियों में चना भाव में तेजी आएगी। रोजाना अपनी मंडी के ताजा भाव अपडेट, वायदा बाजार भाव, फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट और मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर रोजाना विजीट करें और गुगल पर सर्च जरूर करें 👉 Mandi xpert

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दिनांक 23 जून 2023 दिन शुक्रवार

आगामी महीनों में चना दाल की मांग सुधरने की उम्मीद विशाल सरकारी खरीद के बावजूद चना के थोक मंडी भाव में अपेक्षित इजाफा नहीं हो रहा है। और न ही इसकी दाल में ज्यादा मांग निकल रही है। अकोला (महाराष्ट्र) की एक अग्रणी फर्म मै० लक्ष्मी नारायण उदयोग के एमडी के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है। कि जून का महीना चना दाल मिलर्स के लिए सर्वाधिक कठिन एवं चुनौती पूर्ण है। इसकी मांग बहुत कमजोर है और कारोबार की गति अत्यन्त धीमी देखी जा रही है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। पहली बात तो यह है कि चालू माह में तापमान बहुत ऊंचा चल रहा है जिससे चना दाल एवं बेसन की मांग तथा खपत घट गई है। इसके साथ-साथ अभी आम का सीजन चल रहा है।

इस बार आम का बहुत अच्छा उत्पादन हुआ है। और यह काफी नीचे दाम पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस बार जून माह में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में देर हो गई और बारिश की हालत भी संतोषजनक नहीं है। चना दाल की खपत में आई गिरावट का एक अन्य प्रमुख कारण उपभोक्ता की खपत शैली में हुआ बदलाव है। वे दलहनों-दालों के बजाए बेकरी उत्पादों एवं फ़ास्ट फूड्स की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन लक्ष्मी नारायण उद्योग को उम्मीद है। कि आगामी महीनों में चना दाल एवं बेसन की मांग तथा खपत में अच्छा सुधार आ सकता है। अगस्त से देश में त्यौहारी सीजन आरंभ हो जाएगा। इसके अलावा खाद्य तेलों का भाव घटकर हाल के महीनों के निचले स्तर पर आ गया है।

जिससे खासकर बेसन की खपत पर सकारात्मक असर पड़ने के आसार हैं। खादय तेल की कीमत एवं बेसन की खपत में सीधा सम्पर्क रहता है। सरकारी एजेंसी-नैफेड द्वारा चालू वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर किसानों से 5335 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूतनम समर्थन मूल्य पर 23 लाख टन चना खरीदा जा चुका है। जबकि उसके पास करीब 13.50 लाख टन का पिछला बकाया स्टॉक भी मौजूद था। इस तरह सरकार के पास चना की कल उपलब्धता 36.50 लाख टन सै कुछ ऊपर पहुंच गई है जो चालू वर्ष के कुल घरेलू चना उत्पादन के 40 प्रतिशत से भी ज्यादा है। अब राजस्थान को छोड़कर अन्य अधिकांश प्रांतों में चना की सरकारी खरीद की प्रक्रिया बंद हो चुकी है। राजस्थान में भी धीमी गति से और सीमित मात्रा में इसकी खरीद हो रही है।

जल्दी ही वहां इसकी खरीद बंद हो जाएगी और उसके बाद नैफेड खुले बाजार में अपने स्टॉक का चना उतारना शुरू कर सकता है। जिससे कीमतों पर दबाव पड़ने की संभावना है। लेकिन चालू वर्ष की स्थिति पिछले साल से पूरी तरह भिन्न है। चालू वर्ष के दौरान कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। जबकि अगले वर्ष की पहली छमाही में ही लोकसभा का चुनाव हो जाएगा। मानसून की कॅमजोर स्थिति एवं बारिश की कमी के कारण खरीफ फसलों की बिजाई में देर हो रही है। चना का अधिकांश स्टॉक सरकारी गोदामों में बंद है।
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