केन्द्र सरकार ने काटन कारखानों को कच्चे मालो की अच्छी सप्लाई होने का दिया भरोसा – इस साल चालू फसल सीजन में देश भर में नरमा कपास का रकबा कम होने की आशंका है ऐसा इसलिए क्योंकि कपास पैदावार वाले राज्यों में हरियाणा राजस्थान गुजरात और महाराष्ट्र के किसानों का रुझान पिछले दो सालों से गुलाबी सुंडी दुसरे किट पतंगों से फसल खराबे के डर से इस साल ग्वार दलहन और मक्का बाजरा जैसी फसलों की तरफ ज्यादा बढ़ा है बढ़ती आशंकाओं के बीच सरकार ने काटन उद्योग जगत को आश्वस्त किया है कि कारखानों को पर्याप्त नरमा कपास उपलब्ध होगा ।
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देश में कपास का पर्याप्त स्टॉक है नरमा कपास की पैदावार कम होने की सम्भावना के बीच कपास काटन सत्र साल 2023 व 24 के लिए नरमा कपास की पैदावार एवं उपभोग समिति COCPC की तीसरी बार हुई बैठक में नरमा कपास का बही खाता पेश करते हुए कपड़ा आयुक्त रुपराशि ने बताया कि साल 2022 व 23 में नरमा काटन की कुल सप्लाई 390.68 लाख गांठ 6641.56 हजार टन थी ।
जबकि साल 2023 व 24 में 398.38 लाख गांठ 6772.48 हजार टन रहने का अनुमान है एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम होता है देश में काटन की कुल डिमांड साल 2022 व 23 में 329.52 लाख गांठ 5601.84 लाख किलोग्राम थी जबकि साल 2023 व 24 में नरमा कपास की काटन 351 लाख गांठ 5967 हजार किलोग्राम रहने का अनुमान है साल 2023 में काटन का लास्ट स्टॉक 61.16 लाख गांठ था जोकि साल 2024 में 47.38 लाख गांठ रहने का अनुमान है ।
सरकार ने दिलाया भरोसा
COCPC की बैठक में केंद्र सरकार राज्य सरकार कपड़ा उद्योग काटन व्यापारी और जिनिंग एवं प्रेसिंग लाईनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने नरमा कपास की राज्यवार पैदावार आयात और निर्यात और उपभोग पर चर्चा की इसके बाद कपड़ा आयुक्त रूपराशि ने कहा कि कारखानों को पर्याप्त कच्चे माल उपलब्ध होगे उन्होंने बताया कि काटन के उपभोग में बढ़ौतरी हुई है और इस साल पिछले दस सालों में दूसरी सबसे ज्यादा खपत दर्ज की गई है कारखाने सही राह पर अग्रसर है और हम उपभोग के बेहतर आंकड़ों की उम्मीद करते हैं ।
कॉटन की हर गांठ में लगेगा क्यूआर कोड
भारतीय कपास निगम CCI लिमिटेड के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि पारदर्शिता और बेहतर कॉटन क्वालिटी के लिए अब प्रत्येक गांठ को क्यूआर कोड ट्रेसेब्लिटी के तहत लाया गया है इसमें खरीद के गांव प्रोसेसिंग करने वाला कारखाना और बिकवाली की तारीख आदि जानकारी होती है ।
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कॉटन का रकबा कम होने की आशंका – कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया का मानना है कि पिछले साल के 124.69 लाख हेक्टेयर रकबे की हिसाब से खरीफ 2024 सीजन में रकबे में भारी गिरावट आई है एसोसिएशन के मुताबिक राजस्थान हरियाणा और पंजाब में चालू खरीफ सीजन में काटन की बुआई 40 से 60 प्रतिशत कम है सबसे बड़े कॉटन पैदावार वाले राज्य गुजरात में इस साल काटन के रकबे में 12 से 15 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है
आंकड़ों के अनुसार खरीफ सीजन 2023 व 24 सीजन के दौरान देशभर में नरमा कपास की बुवाई का रकबा 124.69 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था इसमें से महाराष्ट्र में 42.34 लाख हेक्टेयर रकबे के साथ सबसे ऊपर है इसके बाद गुजरात 26.83 लाख हेक्टेयर के साथ दूसरे नंबर पर और तेलंगाना 18.18 लाख हेक्टेयर के साथ चौथे स्थान पर है ।