कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की पॉलीहाउस की नई तकनीक, किसान साल भर कर सकेंगे खेती

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कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की पॉलीहाउस की नई तकनीक, किसान साल भर कर सकेंगे खेती: – नमस्कार किसान भाइयों देश में कृषि विश्वविद्यालय नई नई तकनीक विकसित करते रहे हैं और इसी के तहत पॉलीहाउस की नई तकनीक विकसित की है।

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किसान अब सालभर कर सकेंगे बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन, इस नई तकनीक को मिली मंजूरी

New Agricultural Technology : किसान खेती में नई-नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग से बेहतर पैदावार के साथ अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।

देश के अधिकांश क्षेत्रों में किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर आधुनिक कृषि प्रणालियों की मदद से नई-नई फसलों के उत्पादन से अधिक कमाई करने के लिए प्रेरित हो रहे है।

इन्हीं तकनीकी कृषि प्रणाली में संरक्षित खेती बाड़ी तकनीक भी शामिल है। पॉलीहाउस (Polyhouse) और ग्रीन हाउस (Green House) में सब्जियों की खेती ने किसानों के जीवन में जबरदस्त बदलाव ला दिया है।

आज कई राज्यों में किसान ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, पॉली हाउस संरचना में सब्जी और फूल का सरंक्षित उत्पादन कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।

क्योंकि इस प्रकार की खेती में जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदा जैसे बेमौसम बारिश, सूखा और ओलावृष्टि से कृषि में नुकसान की संभावना न के बराबर होती है।

हालांकि, अभी मौजूद पॉली हाउस में वर्ष भर खेती करने में किसानों को काफी समस्या आती है,

खासकर गर्मी के मौसम में साथ ही पॉली हाउस तकनीक (Polyhouse) महंगी होने के कारण हर कोई किसान इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

कृषि विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा पॉली हाउस की नई-नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है। इस क्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची द्वारा “छत विस्थापित पॉली हाउस” (roof displaced poly house) तकनीक विकसित की गई है।

कृषि विश्वविद्यालय बिरसा द्वारा विकसित छत विस्थापित पॉली हाउस में किसान मौसम के अनुसार पॉली हाउस की छत को बदल सकते हैं,

जिससे सालभर बाजार मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण फल-फूल और सब्जियों की खेती कर सकेंगे और बेमौसमी सब्जियों और फूलों को उगाने के लिए भी प्रेरित होंगे।

क्या किसानों के लिए फायदेमंद है पॉली हाउस तकनीक? (Is poly house technology beneficial for farmers?)

छत विस्थापित पॉली हाउस तकनीक विकसित करने वाले डॉ. प्रमोद राय ने बताया कि बेमौसमी खेती वाली सब्जियों की उत्पादकता तथा गुणवत्ता आनुवंशिक सामग्री, फसल प्रबंधन और सूक्ष्म जलवायु प्रबंधन द्वारा प्रभावित होती है।

इसके लिए मृदा एवं वायु तापक्रम, प्रकाश गहनता और गुणवत्ता, सापेक्षिक आद्रता, कार्बन डाइऑक्साइड आदि जैसे सूक्ष्म जलवायु पैरामीटर का प्रबंध संरक्षित कृषि प्रोद्योगिकी से होता है।

संरक्षित कृषि ढांचा में खेती की जाने वाली सब्जी की लाभ प्रदता, टीकाऊपन, स्थिर लागत, संचालन लागत और कार्बन फुटप्रिंट को प्रभावित करता है।

पॉलीहाउस स्ट्रक्चर में इन सभी घटकों को नियंत्रित कर सब्जियों का क्वालिटी युक्त बेहतर उत्पादन किया जा सकता है, जिससे संरक्षित खेती तकनीक पॉलीहाउस किसानों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है।

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सब्जियों की बढ़ जाती है विपणन योग्य गुणवत्ता (Marketable quality of vegetables increases)

डॉ. प्रमोद राय बताते हैं मिट्टी और हवा का उच्च तापक्रम एवं सूर्य के तेज प्रकाश के कारण गर्मी का मौसम मार्च से मई के बीच शिमला मिर्च और टमाटर की खेती में बहुत समस्याएं आती हैं।

धूप में झुलसने (सनबर्न) के कारण उत्पादित फल का 50 प्रतिशत से अधिक प्रभावित हो जाते हैं। गर्मी के महीनों में स्थाई ढांचे वाले शेड नेट में टमाटर और शिमला मिर्च की खेती करके समस्या को कम किया जा सकता है,

किंतु इस स्ट्रक्चर में जून से फरवरी के दौरान प्रकाश गहनता वांछित स्तर से कम रहती है। इसलिए मार्च और मई के बीच अस्थाई शेड नेट स्ट्रक्चर की उपयोगिता बढ़ जाती है।

इसके प्रयोग से खुले खेत में सब्जी खेती की तुलना में सब्जियों की विपणन योग्य गुणवत्ता कम से कम 50 प्रतिशत तथा उत्पादकता 30-40 प्रतिशत बढ़ जाती है और क्वालिटी युक्त सब्जी उत्पादन होने से किसानों को सब्जियों के दाम भी अच्छे मिलते हैं।

छत विस्थापित पॉली हाउस कैसे काम करता है?(How does roof displaced poly house work?)

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची बीएयू के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद राय बताते है कि ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण गर्मियों के मौसम में प्राकृतिक रूप से वेंटीलेटेड पॉलीहाउस में मिट्टी तथा हवा का तापमान, हवा की नमी और सूर्य की रोशनी की तीव्रता काफी उच्च होती है। इसलिए प्राकृतिक वेंटिलेशन को वर्षभर खेती के अनुकूल बनाने हेतु इसे कम करना आवश्यक है।

प्राकृतिक वेंटीलेटेड पॉली हाउस का उपयोग साल में सामान्यत: आठ से नौ महीना ही किया जा सकता है। लेकिन बीएयू (BAI) द्वारा विकसित छत विस्थापित पोली हाउस का निर्माण बांस और दूसरी आवरण सामग्री से किया जाता है।

छत विस्थापित पॉली हाउस में किसान मौसम के अनुसार इसकी छत पर लगी फिल्म को बदल सकते हैं, जबकि इस पॉली हाउस (Polyhouse) में छत को छोड़कर बाकी पूरा स्ट्रक्चर यूवी स्टेबलाइज कीड़ा रोधी सामग्री से ढका रहता है।

गर्मी के मौसम में यूवी स्टेबलाइज्ड फिल्म (200 माइक्रोन) से ढंका रहता है तथा सर्दी (जाड़े) के मौसम में शेड नेट (समग्री हरी, 35 से 50 प्रतिशत) से कवर रहता है।

बीएयू द्वारा विकसित छत विस्थापित पॉली हाउस की खास बात यह है कि इसे मौसम के अनुरूप तैयार किया गया है।

सालभर खेती के लिए उपयुक्त(Suitable for year round cultivation)
बीएयू द्वारा विकसित यह पॉलीहाउस स्ट्रक्चर नवंबर से फरवरी तक पोली हाउस (Polyhouse) के रूप में, जून से अक्टूबर तक रेन शेल्टर और मार्च से मई तक शेड-नेट के रूप में काम करता है।

यह मिट्टी और हवा के तापमान और प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित करके पॉली हाउस को सालभर खेती के लिए उपयुक्त बनाता है। इससे सब्जियों की उत्पादकता बढ़ती है और कार्बन फुट प्रिंट घटता है।

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सूक्ष्म जलवायु प्रबंधन प्रौद्योगिकी के प्रयोग से अब गुणवत्तायुक्त बेमौसमी सब्जियों का सालभर लाभकारी और टिकाऊ उत्पादन किया जा सकता है।

बीएयू में आईसीएआर के सहयोग से इस परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. प्रमोद राय ने लगभग एक दशक के अनुसंधान और प्रयोग के बाद दोनों नई तकनीक को विकसित किया है।

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