तुअर, उड़द और मसूर की दालों पर केंद्र सरकार शत प्रतिशत एमएसपी देगी। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों की बैठक के बाद यह एलान किया। दलहन से जुड़ी खबरें, दालों से जुड़ी खबरें, उड़द का भाव आज का 2024, मसूर, मसूर का भाव today, मसूर का भाव, उड़द, तुअर, तुअर का भाव आज का 2024,
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घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने व आयात कम करने के लिए केंद्र सरकार तुअर, उड़द और मसूर की शत प्रतिशत खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी। केंद्रीय किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि यदि किसानों को बाजार में उनकी उपज का एमएसपी नहीं मिलेगा तो केंद्र सरकार किसानों की शत प्रतिशत उपज खरीदेगी।
शिवराज ने कहा, एमएसपी पर 100 प्रतिशत फसलों की खरीद के लिए किसानों समृद्धि पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसे केंद्र सरकार ने नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से शुरू किया है। एक अधिकारी ने कहा, बैठक में केंद्रीय मंत्री ने 2015-16 के बाद से दलहन उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए राज्यों की प्रशंसा की, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज में सुधार के लिए और प्रयास करने का आह्वान किया। चौहान ने कहा, भारत ने पिछले दशक में दाल आयात पर अपनी निर्भरता 30 से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी है, जिससे मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल हुई है।
दलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 150 दलहन बीज केंद्र खोले हैं और कम उत्पादकता वाले जिलों में आईसीएमआर विशेष चक बनाकर उत्पादकता को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
दलहन की विशेष किस्में करेंगे तैयार
बैठक में शिवराज ने दलहन की खेती करने वाले किसानों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दलहन की विशेष किस्में ईजाद की जा रही हैं।
काबुली चना, तुअर और चना पर स्टॉक सीमा लागू…दालों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए काबुली चना, तुअर दाल, और चना पर 30 सितंबर तक स्टॉक सीमा लागू कर दी। नए नियमों के तहत सभी दाल कारोबारियों को अपने दलहन स्टॉक की जानकारी 30 सितंबर तक हर सप्ताह सरकार के पोर्टल पर देनी होगी।
सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में दाल की कीमतें बढ़ने की वजह जमाखोरी और सट्टेबाजी है। थोक विक्रेताओं के लिए यह सीमा 200 मीट्रिक टन है। खुदरा विक्रेताओं व दुकानदारों के लिए 5 मीट्रिक टन है। बड़ी शृंखला के विक्रेताओं और डिपो पर 200 मीट्रिक टन दाल जमा की जा सकेगी। मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम तीन महीने या वार्षिक क्षमता का 25 फीसदी से जो भी ज्यादा होगा, वह लागू होगा।
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आयातकों पर भी शिकंजा
केंद्र सरकार ने आयातकों पर भी शिकंजा कसा है। अब वह सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिन से ज्यादा स्टॉक नहीं रख पाएंगे। उन्हें उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी। यदि तय मात्रा से अधिक स्टॉक उनके पास है तो उन्हें 12 जुलाई तक इसका निपटारा करना होगा।
24 अगस्त से अफ्रीकी देशों से होने लगेगा आयात
केंद्र ने कहा है कि 24 अगस्त से अफ्रीकी देशों से तुअर दाल का आयात शुरू होने के साथ दाल की कीमतों में नरमी आएगी। इसके अलावा इस क्रम में ऑस्ट्रेलिया से अक्तूबर से दालें आने लगेगीं। अच्छे मानसून से भी कीमतों को कम करने में सहायता मिलेगी।