अमेरिकी गेहूं वायदा में तेजी भारतीय गेहूं बाजार को कितना प्रभावित करेगा जानिए हमारी रिपोर्ट

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शिकागो 5 मई। चालू सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन शिकागो के गेहूं वायदा में तेजी दर्ज की गई।

कारोबारियों तथा विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका तथा रूस के उत्पादक क्षेत्रों में हुई वर्षा औसत उत्पादकता के लिए खतरा बनती जा रही शुष्कता को खत्म करने के लिए पर्याप्त साबित हो सकती है।

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सोयाबीन तथा मक्की वायदा में वृद्धि हुई लेकिन गेहूं के साथ-साथ यह दोनों ही वायदा अनुबंध अपने-अपने चार वर्षों के निचले स्तर से अधिक दूर नहीं हैं क्योंकि आपूर्ति की संभावना मजबूत बनी हुई है।

शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड का सर्वाधिक सक्रिय गेहूं वायदा 0.20 प्रतिशत तेज होकर 6.00-1/2 डॉलर प्रति बुशल हो गया। पिछले सप्ताह यह वायदा तेज होता हुआ 6.33 डॉलर के चार महीनों के ऊंचे स्तर पर जा पहुंचा था।

कारोबारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह आई तेजी मुख्यतः निवेशकों द्वारा अपनी-अपनी भारी मात्रा में कायम की गई शॉर्ट पोजीशन्स को कवर किया जाना तथा कीमतों में उम्मीद से अधिक तेजी आना है।

अधिकतर विश्लेषकों को उम्मीद है कि इस वर्ष गेहूं की भारी आपूर्ति होती रहेगी। अमेरिकी कृषि विभाग ने चालू सप्ताह के आरंभिक कारोबारी दिन जारी की गई

अपनी फसल विकास रिपोर्ट में कहा है कि 49 प्रतिशत अमेरिकी शारदीय गेहूं फसल अच्छी से बहुत अच्छी स्थिति में बनी हुई है। इसका नवीनतम स्तर वर्ष 2020 के बाद का सबसे ऊंचा है।

इस दौरान, शीर्ष गेहूं निर्यातक, रूस, में पिछले लगातार दो सालों से हो रहे ऊंचे उत्पादन के बाद इस बार भी लगातार रिकॉर्ड मात्रा में निर्यात हो रहा है। इसका इसकी कीमतों पर असर हो रहा है।

एक दिन पूर्व फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को अपरिवर्तित बनाए रखने के बाद चालू सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन अमेरिकी डॉलर की वजह से कीमतों में मंदी आने में मदद मिली। इसकी वजह से विदेशी खरीददारों के लिए अमेरिकी कृषि उत्पादों की कीमतें आकर्षक हो गईं।

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एक अन्य विश्लेषक ने बताया कि आपूर्ति में वृद्धि होने, मांग कमजोर होने तथा डॉलर में मजबूती आने के संयुक्त प्रभाववश अनाज कीमतें तुलनात्मक रूप से नीची बनी हुई हैं।

अमेरिका में बसंती फसलों का बुआई सीजन औसत से ऊपर चल रहा है। यद्यपि हाल ही में हुई तथा भविष्य में होने वाली वर्षा से फसल की बुआई के परम्परागत तौर पर पीक सीजन में बिजाई सुस्त पड़ सकती है।

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