मिर्च तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 / जानिए कैसा रहेगा मिर्च बाजार

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कालीमिर्च : बढ़ने की आस नहीं

घटी हुई कीमत पर कालीमिर्च का उठाव सुस्त ही बना हुआ है। इसके परिणामस्वरुप यहां कालीमिर्च मरकरा 665 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही अपरिवर्तित बनी रही। हाल ही में इसमें 10 रुपए की मंदी आई थी। कोच्चि में आवक तथा कीमत एक दिन पूर्व के स्तर पर ही बनी होने की रिपोर्ट मिली। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में कालीमिर्च बढ़ने की आस नहीं दिख रही है।

लालमिर्च : सीमित दायरे में बनी रहेगी

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में लालमिर्च की आवक सीमित ही बनी हुई है। कीमत भी सुस्त ही बनी होने की जानकारी मिली। एमपी की आने वाली फसल की वजह से बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। इसकी वजह से आगामी दिनों में लालमिर्च सीमित दायरे में ही बनी रहने के आसार हैं।
आप सुधि पाठकों को समय-समय पर लालमिर्च की तेजी-मंदी के सम्बन्ध में नवीनतम जानकारियां मिलती रहती हैं और उन्हें इससे लाभ भी होता है। आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना जैसे देश के प्रमुख लालमिर्च उत्पादक राज्यों में वर्तमान सीजन की अभी तक की अवधि में करीब-करीब सामान्य ही वर्षा हुई है।

यही वजह है कि वहां व्यापारिक गतिविधियां मजबूत ही बनी हुई है। एमपी की आने वाली फसल को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं के बाद भी वहां लिवाली सुस्त बनी हुई है। हाल ही में आई तेजी की वजह से इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय गुंटूर में लालमिर्च की आवक करीब 40-45 हजार बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। इससे पूर्व आवक बढ़ती हुई करीब करीब 1.50 लाख बोरियों की होने लगी थी। बहरहाल, आवक तुलनात्मक रूप से नीची होने और उठाव सुस्त पड़ने से इस प्रमुख किराना जिंस में सुस्ती का माहौल बना हुआ है। इससे पूर्व भी वहां लाल मिर्च में किस्म अनुसार 1200-2500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आने की सूचना मिली थी।

इसके समर्थन में स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लाल मिर्च में हाल ही में 500 रुपए और तेज होकर फिलहाल 24,500 /26,500 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वबंद स्तर पर ही रुकी हुई है। इससे पूर्व इसमें 2 हजार रुपए का उछाल आया था। इसका प्रमुख कारण यह है कि मध्य प्रदेश की आने वाली फसल को लेकर अभी से चिंताएं जताई जाने लगी हैं। यद्यपि पिछले दिनों हुई वर्षा के कारण एमपी की फसल शुरू होने में अभी करीब 10-15 दिनों की देरी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसलिए अभी फसल आने में थोड़ा समय बचा हुआ है।

वर्तमान मानसून सीजन के दौरान मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में इस बार हुई भारी वर्षा की वजह से लालमिर्च की आने वाली फसल के प्रति आशंकाओं का बाजार गर्म है। इससे पूर्व, भविष्य में ऊंची कीमत मिलने की उम्मीद में आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के किसानों ने बीते कुछ समय से अपनी लालमिर्च फसल की बिक्री सीमित कर दी थी। यह वजह थी कि इस बार नई फसल शुरू होने के बाद भी हाजिर में इस प्रमुख किराना जिंस की कीमत ऊंची ही बनी हुई थी। हैरानी की बात तो यह है कि सीजन के आरंभ से लेकर हाल ही तक किसानों द्वारा भारी बिकवाली बढ़ाए जाने के बाद भी गुंटूर समेत अन्य बड़ी मंडियों में लालमिर्च की कीमत मजबूत बनी होने की रिपोर्ट मिली थी।

बहरहाल, पूर्व में आई तेजी के बाद गुंटूर में 334 नंबर लालमिर्च 21 / 23 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी होने की सूचना मिली। 341 नंबर 18,000/21,500 रुपए पर बनी हुई है। तेजा लालमिर्च 23/24 हजार रुपए प्रति क्विंटल रुकी होने की जानकारी मिली। हाल ही में इसमें एक हजार रुपए की मंदी आई थी। फटकी मिर्च क्वालिटी अनुसार एक हजार रुपए तेज होकर फिलहाल 10/17 हजार रुपए पर बनी होने की रिपोर्ट मिली थी। इसी प्रकार, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी तेजा लालमिर्च 22,000/24,700 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली। फटकी लालमिर्च 10,200/17,200 रुपए प्रति क्विंटल पर रुकी होने की सूचना मिली। हाल ही में इनमें क्वालिटी अनुसार 500-2000 रुपए की तेजी आई है। आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च सुस्त ही बनी रहने के आसार हैं।

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